Friday, November 17, 2006
श्री यमुनाजी की आरती
जय कालिंदी, हरिप्रिया जय।
जय रवि तवया, तपोमयी जय॥
जय जय श्यामा, अति अभिराम जय।
जय सुखदा, श्रीहरि रामा जय॥
जय जय ब्रज मण्डलवासिनि जय-जय।
जय द्वारकानिवासिनि जय-जय॥
जय जय कलि कलुष नसावनि जय-जय ।
जय यमुने जय पावनि, जय-जय॥
जय जय निर्वाण प्रदायिनि जय-जय।
जय हरि प्रेमदायिनी जय-जय॥ जय ..
जय रवि तवया, तपोमयी जय॥
जय जय श्यामा, अति अभिराम जय।
जय सुखदा, श्रीहरि रामा जय॥
जय जय ब्रज मण्डलवासिनि जय-जय।
जय द्वारकानिवासिनि जय-जय॥
जय जय कलि कलुष नसावनि जय-जय ।
जय यमुने जय पावनि, जय-जय॥
जय जय निर्वाण प्रदायिनि जय-जय।
जय हरि प्रेमदायिनी जय-जय॥ जय ..
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